गाजियाबाद विकास प्राधिकरण शहर में तीन रूटों पर नियो मेट्रो चलाने की तैयारी कर रहा है। महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एमएमआरसी) के कार्यकारी निदेशक अनूप अग्रवाल ने हाल ही में वैशाली से मोहननगर तक के पहले रूट, नोएडा सेक्टर-62 से रैपिड स्टेशन साहिबाबाद के दूसरे रूट और हिंडन रिवर बैंक मेट्रो स्टेशन से राजनगर एक्सटेंशन तक तीसरे रूट का निरीक्षण किया. अब एमएमआरसी द्वारा निरीक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट इसी सप्ताह जीडीए को सौंपी जाएगी। जीडीए के बजट में बैठेगी नियो मेट्रो का प्रोजेक्ट इस पर 80 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा।
रोपवे से सस्ता होगा यह प्रोजेक्ट
जीडीए के अधिकारियों के मुताबिक सामान्य मेट्रो के मुकाबले इसकी लागत 40 से 45 फीसदी कम होगी. उधर, एमएमआरसी की प्रारंभिक जांच में प्रस्तावित तीन मार्गों को नियो मेट्रो संचालन के लिए उपयुक्त पाया गया है। ऐसे में निरीक्षण की रिपोर्ट मिलने के बाद परियोजना को आगे बढ़ाने पर मंथन शुरू किया जाएगा. एमएमआरसी कार्यपालक निदेशक से निरीक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट के साथ परियोजना संबंधी विस्तृत जानकारी देगा।
वैशाली से मोहन नगर तक 5.17 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना की कुल लागत 450 करोड़ रुपये थी। जबकि इस प्रोजेक्ट पर नियो मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत करीब 416 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। एमएमआरसी की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद लागत संबंधी राशि की स्थिति स्पष्ट होगी। कम लागत से जीडीए के लिए परियोजना को पूरा करना आसान हो जाएगा।
रोपवे के विरोध को रोकने का प्रयास
ट्रांस हिंडन के लोग पिछले चार महीने से जीडीए के रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। धीरे-धीरे धरना प्रदर्शन से लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य माध्यमों से रोपवे के खिलाफ आवाज उठाने में लगे हुए हैं. ऐसे में नियो मेट्रो प्रोजेक्ट को आगे लाकर लोगों के विरोध को रोकने का भी प्रयास किया जा रहा है. अगर यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ता है तो यह आंदोलन कर रहे लोगों की बड़ी जीत होगी।
नियो मेट्रो को कीर्ति नगर से द्वारका के बीच लाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की ओर से तैयारी की जा रही है। वहीं एमएमआरसी का नासिक और अन्य शहरों में नियो मेट्रो चलाने का ट्रायल सफल रहा है। तीन मेट्रो प्रणालियों में एक मुख्य, दूसरी लाइट मेट्रो और तीसरी नियो मेट्रो शामिल हैं। इसमें नियो मेट्रो की लागत सामान्य मेट्रो के मुकाबले 40 फीसदी तक कम है। नियो मेट्रो के एक कोच में 225 यात्री सफर कर सकते हैं।