दिल्ली में साल 2002 के आखिर में ही मेट्रो सेवाएं शुरू कर दी गयी थी| बता दे की तब से दिल्ली में मेट्रो को ही यातायात का सबसे अच्छा साधन माना गया है| हर रोज़ हज़ारों की तादात में लोग मेट्रो से सफर करते हैं| सबसे बड़ी बात यह है की एक तो आप मेट्रो में सफर करते हुए दिल्ली की गर्मी से बच जाते हैं, दूसरा आप काफी कम खर्च में ही एक जगह से दूसरी जगह पहुँच जाते हैं और वो भी बहुत ही कम समय में| हाँ, मेट्रो में भी काफी भीड़ देखने को मिलती है, और कभी कभी तो इन मेट्रो में पैर रखने की जगह भी नहीं मिलती है, लेकिन बावजूद इसके बाकी यातायात के साधनों से मेट्रो सफर करने के लिए काफी अच्छा साधन है| हालाँकि अब दिल्ली में जो पुरानी मेट्रो हैं उनमें कुछ परिवर्तन किये जाने हैं| आइये बताते हैं आपको आगे|
DMRC द्वारा दिल्ली में किये जाने हैं पुरानी मेट्रो में परिवर्तन
बता दे की अब दिल्ली में पुरानी मेट्रो के नवीनीकरण का काम शुरू कर दिया गया है, और इनमें भी नई मेट्रो जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराना का प्रयास किया जा रहा है| नई मेट्रो के मुक़ाबले पुरानी मेट्रो में यात्रियों के लिए कोई भी सुविधाएं नहीं हैं, इसीलिए इसी को ध्यान में रखते हुए इन्हें नए जैसा बनाने का प्रयास किया जा रहा है| बता दे की नवंबर 2021 से करीब 10 मेट्रो ट्रेनों का नवीनीकरण किया जा चुका है| और अब 18 और मेट्रो के नवीनीकरण का काम पूरा किया जाना है|
क्या क्या सुविधाएं नहीं हैं पुरानी मेट्रो में?
बता दे की साल 2002 से साल 2007 के बीच में जो भी मेट्रो आयी है इनमें चार्जिंग पॉइंट की सुविधा नहीं है, साथ ही इनमें सीसीटीवी की सुविधा भी नहीं है| यहां तक की पुरानी मेट्रो में एलसीडी रूट मैप की सुविधा भी नहीं उपलब्ध कराई गयी है| इसके अलावा बात करें इसके लुक की तो वह भी काफी ज़्यादा खराब हो गया है और इसे मरम्मत की बहुत आवश्यकता है|
मेट्रो के अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया है की किसी भी ट्रेन की मियाद करीब तीस वर्ष होती है, और अब ऐसे में ब्लू, रेड, और येलो लाइन पर बहुत सी ट्रेन हैं जो बीस वर्ष से अधिक की हो गयी हैं, और इन्हें बदलाव की आवश्यकता है|